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लकी अली: संघर्षों से भरी कहानी और संगीत की जादुई आवाज

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लकी अली का संगीत सफर

मुंबई, 18 सितंबर। भारतीय पॉप और सूफी संगीत के क्षेत्र में लकी अली का नाम एक विशेष स्थान रखता है। उनकी आवाज में एक अद्भुत जादू है, जो शांति और गहराई से भरी हुई है, और यह सीधे दिल को छू जाती है। 90 के दशक में जब इंडी-पॉप का उभार हुआ, तब 'ओ सनम' जैसे गानों ने लकी अली को युवाओं का प्रिय बना दिया।


19 सितंबर 1958 को जन्मे लकी अली, प्रसिद्ध कॉमेडियन और अभिनेता महमूद के पुत्र हैं, लेकिन उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उनके गाने और एल्बम आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। लकी अली को उनकी सूफी आवाज और दिल को छूने वाले गीतों के लिए जाना जाता है।


लकी अली ने कई फिल्मों में हिट गाने गाए हैं। इम्तियाज अली की फिल्म 'तमाशा' में उनका गाया 'सफरनामा' दर्शकों के बीच बहुत लोकप्रिय हुआ। इसके अलावा, ऋतिक रोशन की फिल्म 'कहो ना प्यार है' का गाना 'क्यों चलती है पवन' भी सफल रहा।


लकी अली अपनी रूहानी आवाज के साथ-साथ विद्रोही स्वभाव के लिए भी जाने जाते हैं। बहुत से लोग नहीं जानते कि उनके संगीत में गहराई उनके जीवन के संघर्षों से आई है। उनकी कहानी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं है, जिसमें एक प्रसिद्ध पिता का बेटा अपनी पहचान बनाने के लिए घर से भाग जाता है। यह किस्सा लकी अली की जवानी से जुड़ा है, जिसे संगीतकार राजेश रोशन ने एक इंटरव्यू में साझा किया था।


लकी अली के पिता, लेजेंड्री अभिनेता महमूद, चाहते थे कि उनका बेटा भी फिल्मों में काम करे। लेकिन लकी को यह मंजूर नहीं था। वह किसी भी तरह के दबाव में नहीं रहना चाहते थे और अपनी जिंदगी अपनी शर्तों पर जीना चाहते थे।


जब महमूद का दबाव बढ़ा, तो लकी ने एक बड़ा फैसला किया। एक दिन वह बिना किसी को बताए घर से भाग गए। उस समय उनके पास न तो पैसे थे और न कोई ठोस योजना। उन्होंने अमेरिका का रुख किया और वहां कई छोटे-मोटे काम किए। उन्होंने एक घोड़े के फार्म पर काम किया, कालीन साफ किए, और यहां तक कि साइकिल की मरम्मत भी की।


ये अनुभव उनकी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए, जिसने उन्हें एक कलाकार के रूप में परिपक्व बनाया। जब लकी अली घर से गए, तो उनके पिता महमूद बहुत परेशान हो गए थे। उन्होंने अपने बेटे को खोजने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह नहीं मिले। निराश होकर महमूद ने एक अखबार में एक खुला पत्र प्रकाशित करवाया। इस पत्र में उन्होंने अपने बेटे से वापस आने की गुहार लगाई थी।


इस पत्र में महमूद ने लिखा कि उनका बेटा एक कठिन रास्ते पर चल पड़ा है, लेकिन वह उसे बहुत प्यार करते हैं। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि अगर कोई उनके बेटे को देखे, तो उन्हें बताएं कि उनके पिता उन्हें बहुत याद करते हैं।


बाद में लकी भारत लौट आए और एक सिंगर के रूप में भारतीय फिल्म उद्योग में अपनी पहचान बनाई। लकी अली का संगीत केवल उनकी आवाज का जादू नहीं है, बल्कि उनके जीवन के अनुभवों का सार है, जिसने उन्हें आज एक सच्चा कलाकार बना दिया है.


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